भारत सरकार डिजिटल भारत पर बहुत जोर दे रही है । इसी कड़ी में अब भारत के पासपोर्ट को भी डिजिटल किया जायेगा । इसका ऐलान भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र 2022 में किया , की साल के अंत से भारत में चिप इनेबल्ड पासपोर्ट इशू होंगे । तो चलिए इससे जुड़े सभी पहलुओ के बारें में विस्तार से जानते है ।
पासपोर्ट क्या होता है ?
पासपोर्ट सरकारी दस्तावेज़ होता है , जिससे व्यक्ति की पहचान होती है । भारतीय पासपोर्ट को भारत सरकार द्वारा पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत जारी किया जाता है । पासपोर्ट अपने धारक को अपने संरक्षण में विदेश आने जाने में मदद करता है । पासपोर्ट एक ऐसा दस्तावेज़ है , जो की अपने धारक की व्यक्तिगत पहचान और राष्ट्रीयता को प्रमाणित करता है ।
E-Passport क्या है ?
E-Passport का full form “Electronic Passport” होता है । यह सामान्य पासपोर्ट का डिजिटल रूप होता है , जिसमे एक chip लगी रहती है । इस chip के अन्दर सारा data मौजूद होता है , जिससे यह पासपोर्ट सिक्योर और टाइम एफ्फिसिएंट बन जाता है ।
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र 2022 में बताया की साल 2022-23 में भारत सरकार द्वारा ई-पासपोर्ट जारी किये जायेंगे । इसके साथ ही उन्होंने बताया की इस पासपोर्ट में चिप लगा होगा और यह चिप डाटा से जुडी सिक्यूरिटी को बेहतर करने में मददगार साबित होगा । साथ ही इस chip की वजह से नागरिको को इमीग्रेशन के लिए लम्बी लाइन में नही लगना होगा ।
E-Passport कैसे काम करेगा ?
E-Passport में इनबिल्ट चिप लगा रहता है , जिसमे बायोमेट्रिक डाटा सेव रहेगा । भारत सरकार के मुताबिक यह चिप इनेबल्ड पासपोर्ट रहेगा , जो की बायोमेट्रिक डाटा से सिक्योर्ड रहेंगे । यह पासपोर्ट फर्जिवारे को रोकने में सक्षम होंगे । इसके साथ ही अगर कोई पासपोर्ट के साथ छेड़छाड़ करता हैं , तो इनबिल्ट सिस्टम इसका पता कर लेता है , और फिर इसका वेरिफिकेशन एअरपोर्ट पर फ़ैल हो जाता है ।
ई-पासपोर्ट के फायदे ?
भारत सरकार इसको लाने जा रही है , इसका मतलब इसके ज़रूर बहुत से फायदे होते है । तो चलिए ई-पासपोर्ट के फायदे जानते है :
- E-Passport पुराने पासपोर्ट से ज़्यादा सिक्योर्ड है , क्यूंकि ये बायोमेट्रिक डाटा से सुरक्षित रहेगा ।
- E-Passport फ्रॉड , जालसाजी और आइडेंटिटी चोरी को रोकने में मदद करेगा ।
- E-Passport चिप रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक की मदद से अनधिकृत डाटा को रोकने में मदद करता है ।
- E-Passport टाइम बचाने में मदद करता है , क्यूंकि आपको लम्बी लाइनों से छुटकारा मिल जाता है ।
- E-Passport में 64kb का स्पेस होगा , जिसमे आप अपना डाटा सेव करेंगे । यह पासपोर्ट अन्तराष्ट्रीय मानक का होगा ।
ई-पासपोर्ट कब से जारी होगा ?
बजट सत्र 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया की e-passport को साल 2022 के अंत तक इशू होना शुरू हो जायेगा । वही e-passport को पहले ही विदेश मंत्रालय के ओफ्फिसिअल्स और बाकि भारत सरकार में काम कर रहे ऑफिसियल को जारी किया जा चूका है । यह अभी तक काफी सफल भी रहा है । भारत से पहले इस तरह के ई-पासपोर्ट की सुविधा अमेरिका , जर्मनी जैसे देशो भी इस्तेमाल किया जा रहा है ।
बायोमेट्रिक डाटा क्या होता है ?
हम काफी देर से बायोमेट्रिक डाटा की बात कर रहे है , जिससे ई-पासपोर्ट काफी ज़्यादा सुरक्षित हो जाता है । मगर आखिर यह बायोमेट्रिक डाटा क्या है ? तो असल में पासपोर्ट के मामले में बायोमेट्रिक डाटा का मतलब है की आपके उँगलियों के प्रिंट्स पहले से चिप में स्टोर होंगी । जिससे आपका एअरपोर्ट पर आपका वेरिफिकेशन टाइम बचेगा और आपका पासपोर्ट सुरक्षित भी रहेगा ।
FAQ
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Q. दुनिया का पहला पासपोर्ट किस देश ने जारी किया था ।
Ans. दुनिया का पहला ई-पासपोर्ट मलेशिया ने जारी किया था । मलेशिया ने इसे साल 1998 में ही जारी कर दिया था ।
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Q. भारत में सबसे पहले ई पासपोर्ट किन को मिला ?
Ans. भारत द्वारा जारी किया गया ई-पासपोर्ट सबसे पहले प्रतिभा पाटेल को साल 2008 में जारी किया गया था । प्रतिभा पाटेल उस समय की तत्कालीन प्रेसिडेंट थी ।
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Q. हाल ही में किस देश ने दक्षिण एशिया क्षेत्र में पहली बार ई-पासपोर्ट सुविधा आरंभ की ?
Ans. बांग्लादेश ने हाल ही में ई-पासपोर्ट की सुविधा शुरू की है । इसके साथ ही वह दक्षिण एशिया क्षेत्र में ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है ।
मैं आशा करता हूँ , की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद काफी कुछ नया सीखने को मिला होगा । इस आर्टिकल से आपको आपके काफी सारें सवालों के जवाब मिल जायेंगे । यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल या सुझाव रहता है तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते है ।
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