पहले के ज़माने में जब लोगों को एक जगह से दूसरे जगह जाना होता या भटक जाने पर रास्ता खोजना होता था । तब वे अलग अलग तरीको का इस्तेमाल करते थे । जैसे की MAGNETIC-COMPASS , STICK CHART , KAMAL , CROSS-STAFF , तारों की मदद इत्यादि । मगर आज के ज़माने में हम GPS की मदद से तुरंत अपनी लोकेशन का पता कर लेते है । तो चलिए आईये जानते GPS से जुड़े कुछ सवालों के जवाब । जैसे की GPS क्या है , GPS की परिभाषा , GPS का इतिहास , भारत का GPS , GPS काम कैसे करता है इत्यादि ।
जीपीएस क्या है ?
GPS (Global Positioning System) एक global navigation सिस्टम है । जो की location , velocity और time synchronization की जानकारी देता है । GPS आपको एक जगह से दूसरे जगह तक पहुँचने में मदद करता है ।
जीपीएस की परिभाषा ?
GPS का full form “Global Positioning System” होता है । ये एक global navigation satellite system है । जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से location का पता करने के लिए होता है । GPS तीन component से मिल कर बना होता है । ये तीन component है GPS Ground Control Station , GPS Satellite और GPS Receiver .
जीपीएस का इतिहास ?
Global Positioning System (GPS) , जिसका असली नाम Navstar GPS है । Navstar का फुल फॉर्म Navigation Satellite Timing And Ranging System है . GPS को U.S.A के द्वारा एक प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था । इसका उदेश्य U.S military को दुशमनों के जहाज़ , वायुयानों और अन्य सैन्य उपकरणों की लोकेशन की सटीक जानकारी प्रदान करना था ।
GPS प्रोजेक्ट की शुरुआत U.S Department Of Defense द्वारा साल 1973 में किया गया था । इस प्रोग्राम के तहत पहला satellite साल 1978 में launch हुआ था । GPS को आम जनता के इस्तेमाल के लिए वर्ष 1983 में चालू कर दिया गया था । मगर उस समय इसमें बहुत तरह की पाबंदिया थी । मगर कुछ सालों बाद वर्ष 2000 में इसे पूरी तरह से आम जनता के लिए चालू दिया गया था ।
इस प्रोग्राम के तहत अमेरिका 1978 से लेकर अब तक 72 satellite launch कर चूंका है । जिसमे से 2 satellite की launching असफल रही । और इन 70 satellite में से 33 satellite ही पृथ्वी की सतह से लगभग 20,000 km ऊपर अपने orbit में मौजूद है । जिसमे से 31 satellite ही पूरी तरह से active है . मगर 20,000 km की उचाई से पृथ्वी को कवर करने के लिए केवल 24 satellite की ही ज़रुरत है । बाकि 7 satellite इन 24 satellite के अंतराल को कम करती है ।
जीपीएस कैसे काम करता है ?
हमे जिन devices में GPS इस्तेमाल करना होता है । उन सभी में एक GPS receiver लगा हुआ होता है । जो की satellite से भेजे गए signals को receive करता है । और यह वो satellite होती है जो की हमारे orbit में मौजूद है । यह सभी satellite एक निश्चित समय अंतराल के बाद signal भेजती है । भेजे गए signal में उस satellite की मौजूदा location और signal भेजने का टाइम रहता है ।
फिर जब यह signals GPS receiver को प्राप्त होते है । तब GPS receiver signal प्राप्त किये गए टाइम में से signal भेजे गए टाइम को घटा देता है । जिससे यह पता चलता है की satellite उस receiver से कितनी दूरी पर और किस location पर है । किसी भी GPS device को अपनी location का पता करने के लिए कम से कम 3 satellite की ज़रुरत पड़ती है । और अपनी location निर्धारण करने की इसी प्रकिरिया ‘Trilateration’ कहते है ।
जीपीएस कैसे चलाये ?
- सबसे पहले अपने मोबाइल में google maps ओपन कर लें ।
- फिर ऊपर बने सर्च बॉक्स में location का नाम डालकर सर्च करें । जैसे की किसी hotel , restaurant , market place का नाम । सर्च करते ही आपको उस जगह का रास्ता आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा ।
जीपीएस का महत्व ?
GPS ने हमारे दैनिक जीवन में क्रांति ला दी है । इसने हमारे हर रोज़ के काम को सरल और सुविधाजनक बना दिया है । तो चलिए आइये जानते है GPS के फायदे और नुकसान :
जीपीएस के फायदे :
- GPS से हम अपनी लोकेशन का पता कर सकते है ।
- GPS की मदद से ही सारी कैब services और movers and packers काम करती है ।
- GPS की मदद से हम पूरी दुनिया का map देख सकते है ।
- इसकी मदद से हम एक जगह से दूसरी जगह का रास्ता खोज सकते है ।
- GPS की मदद से हम गाड़ियों को track कर सकते है । जो की आपदा के समय काम आता है ।
जीपीएस के नुकसान ?
- GPS से सबसे बड़ा नुकसान प्राइवेसी का होता है । क्यूंकि कोई भी आपकी location को ट्रैक कर सकता है ।
- GPS का सटीक तरीके से इस्तेमाल करने के लिए हमे लगातार Internet से जुड़े रहना पड़ता है ।
भारत का जीपीएस ?
GPS एक अमेरिकन सरकार का प्रोजेक्ट था । जिसे आज पूरी दुनिया इस्तेमाल करती है । मगर GPS अपनी तरह का एकलौता प्रोजेक्ट नहीं है । इसमें रूस का GLONASS , यूरोपियन यूनियन का GALILEO और चीन का Beidou भी शामिल है । मगर आज के समय में GPS के बाद GLONASS ही एक ऐसा navigation system है जो की पूरी दुनिया में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है ।
भारत की स्पेस एजेंसी ISRO द्वारा भी अपना खुद का एक navigation satellite system develop किया जा चूका है जिसका नाम NaVIC है . इसका full form Navigation with Indian Constellation है । दरसल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने अमेरिका से GPS का इस्तेमाल करने की मदद के लिए मांगी थी । जिसके जवाब में अमेरिका ने साफ़ मना कर दिया था । जिसके बाद भारत ने खुद का Navigation satellite system develop करने का संकल्प लिया । और जिसे भारत ने सफलतापूर्वक सम्पूर्ण भी किया ।
NaVIC सिर्फ भारत के लिए ही काम करेगा । इसकी accuracy GPS से भी अच्छी है । ये भारत की सीमाओं से बहार 1500 km तक की सटीक जानकारी प्रदान कर सकता है ।इसकी वजह से अब भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर navigation के लिए पूरी तरह खत्म हो जाएगी ।
मैं आशा करता हूँ की आप सभी ने इस लेख से काफी कुछ सीखा होगा । और आपको आपके सवालों के जवाब मिल गए होंगे । जैसे की GPS क्या है , GPS का इतिहास , GPS की परिभाषा , भारत का GPS , GPS का महत्व इत्यादि । यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह जाता है । तो आप हमे comment या email करके बता सकते है ।
अन्य भी पढ़े :