देश के केंद्रीय बैंक “रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया” ने देश की पहली डिजिटल करेंसी (डिजिटल रुपया) को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लांच कर दिया है . RBI ने फ़िलहाल होलसेल ट्रांजैक्शन (e₹-W) की शुरुआत की है . इसके एक महीने के अन्दर रिटेल सेगमेंट (e₹-R) को कुछ चुनिन्दा जगह में शुरू करने की योजना है . अभी होलसेल ट्रांजैक्शन (e₹-W) के लिए नौ बैंकों को चुना गया है .
CBDC क्या है ?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को CBDC भी कहा जाता है . यह रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी कानूनी धन का डिजिटल रूप है . यह एक तरह की fiat मनी है , जिसे भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है . इसे आसान शब्दों में इलेक्ट्रॉनिक मनी भी कहा जाता है .
RBI का कहना है की , “CBDC डिजिटल रूप में एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी टेंडर है. यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है”.
डिजिटल रूपए होने के फायदे ?
- डिजिटल रूपए के लांच होने के बाद , आप कैश के बिना भी काम कर सकते है .
- क्रिप्टोकरेंसी के सारे फीचर इस डिजिटल करेंसी में मौजूद होंगे .
- डिजिटल रूपए में कैश की तरह वियर , टेअर या जलने की सम्भावना भी नही होती है .
- डिजिटल करेंसी को ट्रैक भी किया जा सकता है . जबकि क्रिप्टो करेंसी में कोई भी ऐसी सुविधा नही है .
- डिजिटल करेंसी के पीछे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की गारंटी है . जबकि क्रिप्टो के केस में ऐसा कुछ भी नही है .
किस बजट सत्र में हुआ था ऐलान ?
बजट सत्र 2022-23 में सरकार के द्वारा ऐलान किया गया था , की सरकार क्रिप्टो करेंसी की तरह ही एक डिजिटल करेंसी इस साल के अंत तक ले कर आएगी . यह fiat मनी की तरह होगा , जिसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रेगुलेट किया जायेगा . आरबीआई ने 31 अक्टूबर 2022 को अपने जारी किये गए बयान में कहा की “डिजिटल रुपये का पहला पायलट प्रोजेक्ट होलसेल ट्रांजैक्शन (e₹-W) एक नवंबर को शुरू होगा. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन का निपटान किया जाएगा” .
रिटेल सेगमेंट (e₹-R) और होलसेल सेगमेंट (e₹-W) में क्या अंतर है ?
डिजिटल रुपया दो सेगमेंट में आएगा एक रिटेल सेगमेंट (e₹-R) और दूसरा होलसेल सेगमेंट (e₹-W) . रिटेल सेगमेंट (e₹-R) वो होता है , जिसमे आम नागरिक किसी भी शॉप पर कुछ भी परचेस करने के लिए e-rupee (डिजिटल रुपया) का इस्तेमाल कर सकता है . इसमें कस्टमर और मर्चेंट के बीच में डिजिटल रुपया की मदद से ट्रांजैक्शन किया जायेगा .
होलसेल सेगमेंट (e₹-W) में देश के बैंक सरकारी सिक्योरिटीज के सेटलमेंट के लिए डिजिटल रुपया का इस्तेमाल करेंगी . इसके तहत जो पायलट प्रोजेक्ट लांच किया गया है , उसमे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देश भर के नौ बैंक का चयन किया गया है . इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचएसबीसी बैंक , यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक , और यस बैंक के रूप में की गई है.
FAQ
Q. डिजिटल रुपया कितने सेगमेंट में लांच किया जायेगा ?
Ans. डिजिटल रुपया को दो सेगमेंट में लांच किया जायेगा . एक रिटेल सेगमेंट (e₹-R) और दूसरा होलसेल सेगमेंट (e₹-W) होगा .
Q. रिटेल सेगमेंट कब लांच किया जायेगा ?
Ans. रिटेल सेगमेंट (e₹-R) को पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक महीने के अन्दर लांच किया जायेगा . अभी सिर्फ होलसेल सेगमेंट (e₹-W) को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लांच किया गया है .
Q. पायलट प्रोजेक्ट क्या होता है ?
Ans. पायलट प्रोजेक्ट किसी भी नए कार्य का एक प्रारंभिक प्रयोग होता है। जिसमें यह देखा जाता है , कि यह परियोजना एक छोटे स्तर पर कितनी असरदार साबित होती है .
मैं आशा करता हूँ , की इस आर्टिकल से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे . यदि फिर आपके मन में कोई सवाल या सुझाव रहता है , तो आप हमें नीचे कमेंट करके या contact us में जाकर बता सकते है .
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